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31 अगस्त 2011

पचोले

परम्‍परागत हिमाचली व्‍यंजनः पचोले
पचोले
हिमाचल में हर मौसम और हर त्योहार के लिये अलग प्रकार के व्यंजन हैं। ऐसे ही लजीज़ व्यंजनों में से एक है-पचोले। भुट्टे के कच्चे दानों से बनाये जानेवाले कुछ परंपरागत व्यंजनों में से पचोले भी एक है। इसे बरसात के दिनों में तब बनाया जाता है जब खेतों में मक्की की फसल लहलहा रही होती है। आजकल पचोले बनाने के लिये सबसे उपयुक्‍त समय है। तो क्‍यों न इस अनूठे सरल हिमाचली व्‍यंजन के बारे में जाना जाये? बस एक बार आजमा कर देखिये, बार-बार खाने को मन करेगा।  
सामग्रीः
पचोले बनाने के लिये चाहिये कच्ची दूधिया मक्की के दाने और स्वाद के अनुसार नमक तथा थोड़ी सी हल्दी।
बनाने की विधिः
सबसे पहले मक्की के दूधिया दानों को सिल पर या ग्राइंडर में पीस लीजिये। स्वाद के अनुसार नमक और थोड़ी सी हल्दी भी उसमें डाल लें। सारी चीजों को मिला लीजिये। भुट्टे के बाहरी छिलकों को काटकर धो लें और उनके उपर मक्की के दानों के उपरोक्त पेस्ट को फैला लें। भुट्टे के बाहरी छिलकों के स्थान पर परंपरागत रूप से बिहुल के पत्तों का प्रयोग होता है। इन पत्तों को एक-एक करके सिड्डू मेकर या इडली स्टैंड में रखते जाएं और 15 मिनट तक भाप पर पकायें। बस पचोले तैयार हैं। जैसे ही आप ढक्कन खोलेंगे, पचोलों की खुशबू आपको सराबोर कर देगी। पचोले के नीचे चिपके पत्तों को अलग कर लें। 
खाने की विधिः
एक थाली में ताज़ा शुद्ध देसी घी लें और उसके साथ पचोले खाने का आनन्द प्राप्त करें। इसे खीर, दलिये या दही के साथ भी खाया जा सकता है।